Richa Goswami

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लेखनी कविता -08-Mar-2022 साहित्य


साहित्य

दिल से निकले जज्बातों को 
अश्कों की स्याही से लिखा
यादों के हर पन्ने को नत्थी कर रखा है
इतने जज़्बात इतनी बात
पूरा साहित्य छाप दू
पन्ने कम पड़ जाएंगे
स्याही और जज्बात नहीं

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3 Comments

Lotus🙂

10-Mar-2022 12:54 PM

Nice

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Gunjan Kamal

09-Mar-2022 01:49 PM

वाह बहुत खूब👏👌🙏🏻

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Swati chourasia

08-Mar-2022 05:10 PM

Nice

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